जब ज़िंदगी ने दस्तक दी
हम ज़िंदगी से किनारा कर चुके थे
अपने हो गये थे .खफा और बेगाने हो गये थे
यह कैसा था हुआ सितम
सारे पेमाने टूट कर चूर हो गये थे
हम ज़िंदगी से किनारा कर चुके थे
अपने हो गये थे .खफा और बेगाने हो गये थे
यह कैसा था हुआ सितम
सारे पेमाने टूट कर चूर हो गये थे