मैं एक फ्लॉपी
मैं एक फ्लॉपी कभी
तुम्हारी जान मुझमे बसती थी
मेरे अंदर क्या छुपा है
जानने को आतुर
तुम रहते थे
कुछ निजी तो कुछ कारोबी
राज़ तुम्हारे मैं रखती थी
मैं एक फ्लॉपी कभी
तुम्हारी जान मुझमे बसती थी
मैं एक फ्लॉपी कभी
तुम्हारी जान मुझमे बसती थी
मेरे अंदर क्या छुपा है
जानने को आतुर
तुम रहते थे
कुछ निजी तो कुछ कारोबी
राज़ तुम्हारे मैं रखती थी
मैं एक फ्लॉपी कभी
तुम्हारी जान मुझमे बसती थी
No comments:
Post a Comment