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Wednesday, 23 October 2013

मैं एक फ्लॉपी

मैं एक फ्लॉपी
मैं एक फ्लॉपी कभी
तुम्हारी जान मुझमे बसती थी
मेरे अंदर क्या छुपा है
जानने को आतुर
तुम रहते थे
कुछ निजी तो कुछ कारोबी
राज़ तुम्हारे मैं रखती थी
मैं एक फ्लॉपी कभी
तुम्हारी जान मुझमे बसती थी