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Friday, 22 November 2013

मैं एक सी.डी

मैं एक सी.डी
मैं एक सी.डी और मेरी बहिन एक डी. वी. डी
जब से मार्केट में आईं हैं
सुना है तुमने खुशी बहुत मनाई है
हम हैं सुनहरी और रूपहली
जब गोल गोल हम चलतीं हैं
तो कभी जानकारी तो
कभी फिल्में और कभी
गानों की ध्वनि हम से निकलती है

Wednesday, 23 October 2013

मैं एक फ्लॉपी

मैं एक फ्लॉपी
मैं एक फ्लॉपी कभी
तुम्हारी जान मुझमे बसती थी
मेरे अंदर क्या छुपा है
जानने को आतुर
तुम रहते थे
कुछ निजी तो कुछ कारोबी
राज़ तुम्हारे मैं रखती थी
मैं एक फ्लॉपी कभी
तुम्हारी जान मुझमे बसती थी

Saturday, 14 September 2013

ड़ाकखाने में पड़ा एक बैरंग खत

ड़ाकखाने में पड़ा एक बैरंग खत

ड़ाकखाने में पड़ा एक बैरंग खत
डेड लेटर क्यों कहलाता है?
कभी खुशी  तो कभी गम
कितने भाव वो लाता है
पाने वाला उस पते पर नहीं रहता
तो इस में खत की क्या ग़लती है
भेजने वाला अपना पता लिखना भूल गया तो
खत की क्या यह ग़लती है?
ड़ाकखाने में पड़ा एक बैरंग खत
डेड लेटर क्यों कहलाता है?

Wednesday, 11 September 2013

एक हवा का झोंखा

एक हवा का झोंखा

एक हवा का झोंखा
क्या पैगाम लाता है
कभी बादल तो कभी बारिश
कभी धूल का अंधड़ लाता है
एक हवा का झोंखा
क्या पैगाम लाता है

Monday, 15 July 2013

मैने बोर्ड पर देखा


मैने बोर्ड पर देखा लिखा था
"हॅपी आवर"
मैने दुकानदार से पूछा
वह हुशी का घंटा
क्या होता है जी
क्या यह घंटा खुशियाँ लता है
दुकानदार बोला नहीं इसमें
एक के साथ एक फ्री आता है
ओह तभी बाजू वाला राजू एक
के दाम में दो डबल रोटी ले जाता है